Saturday, January 2, 2016

राम झरना,रायगढ़

रायगढ़ के प्राचीन दर्शनिक एवं पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना चुका रामझरना अब अपने नये कलेवर के साथ लोक लुभावन दृश्यों से पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है मान्यता है कि यहांं पर वनवास के समय प्रभु राम का पदापर्ण हुआ था। वर्तमान में यह स्थल जिले के पिकनिक स्पाट के साथ-साथ राज्य के अन्य जिलों व उड़ीसा के सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।





शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित खरसिया ब्लाक के रामझरना (भूपदेवपुर) जिले के दर्शानिक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है जहां हर वर्ष जिले सहित आसपास के जांजगीर, बिलासपुर, अंबिकापुर, जशपुर, महासमुंद व उड़ीसा के बरगढ़, झारसुगड़ा, बलागीर के हजारों लोग भ्रमण करने आते है। रामझरना में जब से सहायक परिक्षेत्र अधिकारी एल.एन.जायसवाल ने कार्यभार सम्हाला है तब से यह स्थान व्यवस्थित व सुदृढ हुआ है और आगंतुको को परिवारिक वातावरण मिलने के कारण यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में बसे रामझरना का आकर्षण मुख्य द्वार से लंबा रास्ता होते हुए घने जंगल के अंदर में प्राकृतिक रूप से बना जल कुंड है जहां से अनवरत जल बह रहा है पौराणिक मान्यता है कि प्रभु श्री राम 14 वर्ष के वनवास के समय पत्नी सीता व भाई लक्ष्मण के साथ यहां आये थे तब सीता माता को प्यास लगी और भगवान श्रीराम ने बाण से धरती पर छेद किया और धरती माता ने भी अपनी पुत्री की प्यास बुझाने के लिये अपने गोद से जल की धारा बहाई थी।







तब से यहां प्राकृतिक कुंड के रूप में पानी अनवरत् निकल रही है। बताया जाता है कि यहां का पानी पीने से शरीर का आंतरिक व बह्य रोग से लोगों को मुक्ति मिलती है जिससे आने वाले पर्यटक तथा बीमार लोग पीने के लिये पानी ले जाते है पूरे अंचल में इस प्राकृतिक जल धारा से निकले पानी को पवित्र और सबसे शुद्ध माना जाता है। जल कुंड से निकलने वाला पानी आगे चलकर बड़े जलाशय में समाहित हो जाता है जिससे प्रतिवर्ष सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई के लिये पानी भी उपलब्ध होती है।




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