Tuesday, December 29, 2015

बैलाडीला (Bailadila)

बैलाडीला में लौह अयस्क का खनन देखना भी अद्भुत अनुभव होता है। बचेली एवं किरंदूल में एन.एम.डी.सी. की खदाने हैं। यहाँ प्छज्न्ज्ञ एवं च्तवरमबज गेस्ट हाऊस में रूका जा सकता है। लौह अयस्क की खदानों को देखने के लिये अनुमति लेना आवष्यक है। बचेली की खदानें टाउनषिप से 25 किलोमीटर दूर हैं। यहाँ का अयस्क अच्छे ग्रेड का माना जाता है इसमें लोहे का प्रतिषत 86 तक रहता है।

 बैलाडि‍ला पर्वत श्रृंखला में उच्च गुणवत्ता के लौह अयस्क की 14 खदानें हैं जो बैलाड़िला की पहचान बन चुकी हैं। इस पर्वत श्रृंखला का आकार बैल के कूबड़ के समान है। इसी कारण इसका नाम बैलाडि‍ला रखा गया है। यहां पाई जाने वाली खदानें इसकी अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका अदा करती हैं। इसलिए सरकार ने पूर क्षेत्र को दो औद्योगिक क्षेत्रों में विभाजित कर दिया है। इन क्षेत्रों के नाम बचेली और किरनडुल हैं। दांतेवाड़ा से बचेली 29 कि.मी और किरनडुल 41 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।बैलाडि‍ला की खदानें पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी आकाश नगर पर स्थित हैं। इसकी यात्रा पर जाने से पहले पर्यटकों को राष्ट्रीय खनिज विकास निगम की अनुमति लेनी पड़ती है। बचेली से आकाश नगर तक 22 कि.मी. लंबा घाट रोड बना हुआ है। आकाश नगर तक के रास्ते में पर्यटक सर्पीली राहों से गुजरते हुए खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं।आकाश नगर की भांति किरनडुल से कैलाश नगर तक भी 12 कि.मी. लंबा घाट रोड बना हुआ है। यहां यात्रा के दौरान पर्यटक नीली रेत देख सकते हैं। दांतेवाड़ा से बचेली और किरनडुल के लिए नियमित रूप से बस सेवा है। बसों के अलावा पर्यटक टैक्सी द्वारा भी यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं। 


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