Thursday, December 31, 2015

अमृतधारा जलप्रपात,मनेन्द्रगढ़ (Amrithadhara Falls, Manendragarh)

अमृतधारा जल प्रपात छत्तीसगढ़ राज्य के कोरिया ज़िले में स्थित है। सम्पूर्ण भारत में कोरिया को प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। इस ज़िले को प्रकृति ने अपनी अमूल्य निधियों से सजाया और सँवारा है। यहाँ चारों ओर प्रकृति के मनोरम दृश्य बिखरे पड़े हैं। इन्हीं में से एक 'अमृतधारा जल प्रपात' है, जो कि हसदो नदी पर स्थित है।

कोरिया ज़िला अपने पूरे घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों और झरनों से भरा पड़ा है। अमृतधारा प्रपात कोरिया में सबसे प्रसिद्ध प्रपातों मे से एक है। छत्तीसगढ़ में कोरिया भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान एक रियासत थी। अमृतधारा जल प्रपात एक प्राकृतिक झरना है, जहाँ से हसदो नदी का जल गिरता है। यह झरना मनेन्द्रगढ़-बैकुन्ठपुर सड़क पर स्थित है। भारत के छत्तीसगढ़ में अमृतधारा प्रपात कोरिया ज़िले में है, जिसका जल 90 फीट की ऊंचाई से गिरता है। वह बिंदु जहाँ पानी गिरता है, वहाँ एक बड़ा ही प्यारा-सा बादल के जैसा माहौल चारों ओर बन जाता है, जिससे प्रपात की सुन्दरता में चार चाँद लग जाते हैं।

अमृतधारा जल प्रपात एक बहुत ही शुभ शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इस जगह के आस-पास एक बहुत प्रसिद्ध मेला हर साल आयोजित किया जाता है। मेले का आयोजन रामानुज प्रताप सिंह जूदेव, जो कोरिया राज्य के राजा थे, ने वर्ष 1936 में किया गया था। महाशिवरात्रि के उत्सव के दौरान इस जगह मे मेले का आयोजन होता है, जिस दौरान यहाँ लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उपस्थित होती है।

पिकनिक व सैर-सपाटे के लिए भारी संख्या में लोग इस स्थान पर आते हैं। लोग यहाँ परिवार के साथ पिकनिक का अनुभव लेने आते है। पर्यटन स्थल तक जाने के लिए पक्की सड़क है। रैलिंग, पैगोडा रेस्ट हाउस का निर्माण भी कराया गया है। इसे देखने दूर-दूर से सैलानी प्रतिवर्ष आते रहते हैं। इस पर्यटन स्थल का ऐतिहासिक महत्व भी है। यहाँ हनुमान व भगवान शिव के मंदिर हैं, जो अपने प्रतिवर्ष लगने वाले मेलों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

प्रदेश की प्रथम विधानसभा भरतपुर सोनहत के अन्तर्गत आने वाले ग्राम पंचायत मेण्ड्रा स्थित मैकल की पहाडिय़ों से निकलकर हसदेव नदी पहले गौरघाट में एक जलप्रपात का रूप लेती है यह स्थल भी अपने आप में अद्वितीय है और कई विशेषताओं को अपने में समाहित किए हुए है। यहां गर्मियों में जिले के साथ ही साथ दूसरे जिलों के सैलानी भी अपने परिवार के साथ सुकून के दो पल बिताने के लिये यहां पहुंचते हैं।

इससे आगे चलकर कलकल बहती हुई हसदेव की निरमल धारा नागपुर के पास स्थित ग्राम पंचायत लाई में राष्ट्रीय राजमार्ग ४३ से लगभग ८ किमी दूर एक जलप्रपात के रूप में गिरती है जिसके सौन्दर्य के कारण इसका नाम अमृतधारा पड़ा। इस जलप्रपात का विहंगम दृश्य देखने के लिये न केवल छ.ग. वरन् मध्यप्रदेश के लोग भी यहां काफी संख्या में पहुंचते है।

अमृतधारा पहुँचने के लिए मनेन्द्रगढ़ से अंबिकापुर रोड में मनेन्द्रगढ़ से 18 किमी दूर लाई ग्राम आते हैं. लाई ग्राम से बाए तरफ अमृतधारा का रास्ता जाता है, जो 8 किमी के पहाड़ी रास्ते से होता हुआ अमृतधारा तक पहुँचता है. मनेन्द्रगढ़ से इसकी दूरी 25 किमी है. |

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