बस्तर जिले के विकास खण्ड बस्तर में जगदलपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर छिंदक नागवंषी राजा धारावर्श की रानी गुण्डमहादेवी द्वारा इस मंदिर को ई.सन 1111 में बनवाया गया। गुण्डमहादेवी का पुत्र सोमेष्वर देव एक प्रतापी राजा था। मंदिर के पूर्ण होते-होते धारावर्श एवं सोमेष्वर देव दिवंगत हो चुके थे एवं गुण्डमहादेवी के पौत्र छिंदक नागवंषी राजा कन्हर देव का षासन था। गुण्ड महादेवी और उसकी बहु सोमेष्वर देव की रानी के षिलालेख यहाँ पर हैं। नारायण पाल का यह मंदिर पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है एवं छिंदक नागवंषी षासन के समय की जानकारी प्राप्त करने का मुख्य स्त्रोत भी है। निारयणपाल के विश्णु मंदिर में स्थापित गुण्डमहादेवी के षिला लेख एवं गर्भगृह में स्थापित भगवान विश्णु की प्रतिमा
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