Wednesday, November 25, 2015

भोरमदेव मंदिर कवर्धा (Bhoramdeo Temples Kawardha)

परिचय:
छत्तीसगढ़ में कवर्धा केवल अपने स्वयं के आकर्षण और सुंदरता के लिए बहोत ही प्रसिद्ध है, और कवर्धा के सैर के लिए अपने आगंतुकों एक अच्छा अवसर भी प्रदान करती हैं। कवर्धा के दौरे मे सबसे सुंदर और स्मारक स्थान है शिव मंदिर भोरमदेव ।

•शिव भोरमदेव मंदिर का इतिहास:
भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के कवर्धा जिले मे शिव भोरंदेओ मंदिर की स्थापना 11 वीं शताब्दी ई. मे किया गया था।
छत्तीसगढ़ के खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव शिव मंदिर का निर्माण नागवंशी शासक गोपाल देव ने 1089 ई. के लगभग करवाया था जो खजुराहो और कोणार्क की कला का संगम है |
भोरमदेव मंदिर छत्तीसगढ़ की स्थापत्य एवं मूर्ति कला का अनुपम उदारहण है|

•शिव भोरमदेव मंदिर का विवरण:
शिव भोरमदेव मंदिर के प्रमुख आकर्षण, यहा के पत्थर पर नक्काशियों से तरासे विभिन्न देवी - देवताओं के चित्रिण से हैं। कवर्धा में इन मंदिरों के अलावा, भोरंदेओ मंदिर जो एक आम ग्रोव के बीच में स्थित है बहोत ही प्रसिद्ध है।
यहा के संरचनाओं की कोणीय अनुमान वास्तुकला के स्थानीय शैली का प्रतिनिधित्व करते हैं जो पीछे हटते 'पर्वत रेंज' शैली है कि शिखर में पाये जाते है। यहा खजुराहो में मंदिरों की और कम अवरुद्ध वक्रीय फार्म के एक संलयन है। कवर्धा के पास इन भोरमदेव शिव मंदिर का एक शानदार मूर्तियां देख कर आपने मन को हर्षित कर सकते है।
कवर्धा में शिव भोरमदेव मंदिर शहर से 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। यह जगह रायपुर से, जो छत्तीसगढ़ की राजधानी शहर है के उत्तर में स्थित है।

कैसे पहुचे  (How To Reach)
शिव भोरमदेव मंदिर जो की छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले मे स्थित है वह जाने के लिए सबसे अच्छा साधन है ट्रेन, बस, और फिर खुद की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था

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