Thursday, January 7, 2016

अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य(Achanakmar Wildlife Sanctuary)

पुरातत्‍व और तीर्थ स्थलों के अलावा बिलासपुर में वन्यजीव भी स्थित हैं। पहाड़ों और नदियों के साथ अभेद्य जंगलों से कुछ देश के इस क्षेत्र में पाए जाते हैं। अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध अभयारण्यों में से एक है। यहां तेंदुआ, बंगाल टाइगर और जंगली भैंसों जैसे असंख्य लुप्तप्राय प्रजातियां रहती हैं। अन्य जानवरों में चीतल, धारीदार लकड़बग्घा, कैनीस, आलस भालू, ढोले, सांभर हिरण, नील गाय, भारतीय चार सींग वाले मृग और चिंकारा भी शामिल हैं।

1975 में स्थापित, अचानकमार एक टाइगर रिजर्व भी है। 557.55 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला यह जंगल, वन्य जीवन की विविधता को संजाये हुए है। यह बिलासपुर से 55 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर पश्चिम में स्थित है। मानसून के मौसम में यहां पर्यटकों का प्रवेश वर्जित कर दिया जाता है। यह कान्हा-अचनकमार कॉरिडोर है, जो मध्यप्रदेश के टाइगर रिजर्व का एक हिस्सा है।
पूरे जंगल में साल, साजा, बीजा और बांस के पेड़ भारी संख्‍या में पाये जाते हैं। घोंगापानी जलाशय अभयारण्य के रास्ते पर स्थित एक बांध है। पर्यटकों को वहाँ रहने के लिए कोई विकल्प नहीं है। दिन में बांध का दृश्‍य मोहक लगता है। वन्‍यजीव अभयारण्‍य अचानकमार , कोएंजी और लमनी के आगे सरकारी अतिथि गृह भी है।
उसकी देख-रेख अच्‍छी तरह की जाती है और लमनी में फॉरेस्‍ट गेस्‍ट हाउस का निर्माण तो ब्रिटिश काल के दौरान किया गया था। बेलघना रेलवे स्‍टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है, लेकिन बिलासपुर ज्‍यादा सुलभ है। किराए की कार और बस के अलावा पर्यटक किसी अन्य वाहन से इस अभयारण्य तक पहुँच सकते हैं। ईको टूरिज्‍म के लिये यह स्‍थान बहुत अच्‍छा है।

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