Monday, February 1, 2016

राजनांदगांव (Rajnandgaon)

राजनांदगांव को 26 जनवरी, 1973 में दुर्ग जिले से अलग किया गया। राजनांदगांव का दूसरा नाम संस्कारधानी है जो इस शहर में बसे विभिन्न धर्म के लोगों के बीच पनपती शांति और सद्भान पर केंद्रित है। इस शहर के चारों ओर कई तालाब और नदियां हैं तथा यह कुछ लघु उद्योगों और व्यवसायों के लिए भी प्रसिद्ध है। क्रमानुसार दुर्ग और बस्तर राजनांदगांव की पूर्वी और दक्षिणी सीमाएं हैं। यह रायपुर से 64 कि.मी दूर है और भविष्य के लिए यहां एक हवाई पट्टी की योजना बनाई जा रही है।

इसका मूल नाम नंदग्राम था, और प्राचीन काल में राजनांदगांव पर कई विभिन्न राजवंशों ने शासन किया। सोमवंशी, कलचुरी और मराठा उनमें से कुछ हैं। इस क्षेत्र में बने महल अपने शासनकाल के शासकों और उनके समाज के बारे में बताते हैं। उस समय की संस्कृति और परंपरा इन महलों के माध्य से प्रतिबिंबित होती है।
ज्यादातर शासक हिंदू थे जैसे कि वैष्णव और गोंड़ राजा। यह ब्रिटिश शासन के दौरान राज नंदगांव राज्य की राजधानी भी बना रहा। रियासत के अंतिम शासक ने अपने महल को कॉलेज के रुप में प्रारंभ करने के लिए दे दिया जिसका नाम इसके नाम पर रखा गया।
इस क्षेत्र के निवासियों द्वारा बोली जाने वाली भाषाएं हिन्दी और छत्तीसगढ़ी हैं। राजनांदगांव में कई शैक्षिक संस्थाएं हैं। इस शहर के प्रमुख त्योहार दीवाली और गणेश चतुर्थी हैं जो बहुत उत्साह और उमंग के साथ मनाए जाते हैं। इस उत्सव के दौरान मोहारा मेला, बैलों की दौड़ और मीना बा़ज़ार का आयोजन किया जाता है।


राजनांदगांव और उसके आस पास के पर्यटक स्थल

राजनांदगांव के मंदिर देखने योग्य हैं तथा गायत्री मंदिर, सित्ला मंदिर और बर्फानी आश्रम उनमें से कुछ हैं। ड़ोंगरगढ़ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। ड़ोंगरगढ़ का बमलेश्वरी देवी मंदिर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह बड़ी बमलेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है। छोटी बमलेश्वरी मंदिर भू-तल पर स्थित है। यहां दशहरा और रामनवमी के त्योहार पर राज्य भर से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मंदिर के परिसर में मेले आयोजित किए जाते हैं। माता शीतला देवी का शक्ति पीठ एक अन्य तीर्थ स्थल है। यह एक प्राचीन मंदिर है जो लगभग 2200 साल पुराना है। यह स्टेशन से 1.5 किमी की दूरी पर स्थित है।


कैसे पहुंचे राजनांदगांव

राजनांदगांव, रेल मार्ग और सड़क मार्ग द्वारा कई शहरों से जुड़ा हुआ है लेकिन यहां हवाई मार्ग की सेवा पूरी तरह उपलब्ध नहीं है। यह एक प्रमुख रेल और सड़क जंक्शन है।

राजनांदगांव की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय

उष्णकटिबंधीय जलवायु का राजा राजनांदगांव, ज्यादातर नम और सूखा रहता है। इस शहर को देखने के लिए यात्री अक्तूबर से लेकर फरवरी के महीनों के बीच जा सकते हैं, तब इस क्षेत्र में सर्दियों का मौसम होता है।

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