Monday, February 8, 2016

मदकू द्वीप... शिवनाथ नदी के बीच पर्यटन की अनूठी जगह (Madku Dweep)



बिलासपुर शहर से 39 किमी दूर बैतलपुर के पास शिवनाथ के बीचों-बीच पर्यटन की अनूठी जगह मदकू द्वीप। इससे अहम कि यह दो धर्म और आस्था का संगम स्थल है। सदानीरा शिवनाथ की धाराएं यहां ईशान कोण में बहने लगती हैं। वास्तु शास्त्र के हिसाब से यह दिशा सबसे पवित्र मानी जाती है।

राष्ट्रीय मसीही मेला : 107वें साल का समापन

मदकूद्वीप में राष्ट्रीय मसीही मेले का इस साल 107 वां वर्ष था। इस मौके पर सैकड़ों पादरियों व मसीही भक्तों ने मेले में एक से सात फरवरी तक शिरकत की। चारों ओर पानी से घिरे इस टापू में सुबह पांच बजे ही प्रभात फेरी निकलती थी। संगीत की धुन के साथ भजन गाते लोग पूरे टापू का परिक्रमा करते थे।

खास : दो द्वीपों के बीच बोटिंग, सन सेट व सोला फारेस्ट

24 हेक्टेयर में फैले मदकू द्वीप के पास ही एक और छोटा द्वीप 5 हेक्टेयर का है। दोनों बीच टूरिस्ट बोटिंग का आनंद ले सकते हैं। जैव विविधता से परिपूर्ण द्वीप में माइक्रो क्लाइमेट (सोला फॉरेस्ट) निर्मित करता है। यहां विशिष्ट प्रजाति के वृक्ष पाए जाते हैं। इसमें चिरौट (सिरहुट) के सदाबहार वृक्ष प्रमुख हैं।

अनोखे शिलालेख

1959-60 की इंडियन एपिग्राफी रिपोर्ट में मदकू द्वीप से प्राप्त दो प्राचीन शिलालेखों का उल्लेख है। पहला लगभग तीसरी सदी ईस्वी की ब्राह्मी लिपि में अंकित है। इसमें किसी अक्षय निधि का उल्लेख किया गया है। दूसरा शंखलिपि में है। दोनों भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के तत्कालीन दक्षिण पूर्व मंडल कार्यालय विशाखापट्नम में रखे गए हैं।

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