बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा और तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला जिला है। यह भारत में विद्युत उत्पादन का केंद्र है। बिलासपुर रेलवे के माध्यम से सबसे अधिक राजस्व उत्पन्न करने वाले स्थानों में से एक है। छत्तीसगढ़ राज्य का उच्च न्यायालय यहीं स्थित है। भिलाई, रायपुर, कोरबा और रायगढ़ के साथ-साथ, बिलासपुर हमारे देश में इस्पात के निर्माण के लिए जाना जाता है।
औद्योगिक क्षेत्र के अलावा, कई अन्य बातें हैं, जो बिलासपुर में हैं, उन्में से कुछ हैं आम, समोसे, कोसा सिल्क साड़ी, खुशबूदार दूबराज चावल। इस क्षेत्र की साड़ियां अच्छी और विविध रंगों की होती हैं। हाथ की बुनी हुई साड़ी बिलासपुर की रंगीन संस्कृति को दर्शाती है। बघेली और भरिआ यहां बोली जाने वाली मुख्य भाषाएं हैं। रावत नाच महोत्सव रावत जनजातियों द्वारा मनाया जाने वाला बिलासपुर का लोक नृत्य उत्सव है।
शहर का नाम बिलासपुर सत्रहवीं सदी में मछली पकड़ने वाली महिला बिलासा से उत्पन्न हुआ है। यह जगह कभी कुछ मछुआरों का अड्डा थी। यहां लातेर मराठा शासन करते थे, उनका शासन ईस्ट इंडिया कंपनी के आने के साथ खत्म हो गया।
बिलासपुर में और आसपास के पर्यटक स्थल
बिलासपुर में विभिन्न पुरातात्विक स्थल और मंदिर दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध पारिस्थितिकी पर्यटन स्थलों में से एक है। हसदेव बांगो बांध बिलासपुर से 105 किमी पर है। मल्हार और रतनपुर पुरातत्व के केंद्र रहे हैं। प्राचीन मंदिरों से लेकर किलों के अवशेष यहां पाए जाते हैं।
तालाग्राम "देवरानी -जेठानी" मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। बुलबुला द्वीप और राधिका पानी पार्क वे पार्क हैं, जो स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों का भी मन बहलाते हैं। बेलपान में एक विशाल तालाब के साथ ही एक समाधि है। खूटाघाट एक दर्शनीय स्थल है और प्रकृति प्रेमियों का चहेता।
खूटाघाट के आसपास वन, बांध और पहाड़ियां हैं। कबीर चबूतरा बिलासपुर से 41 किमी दूर महात्मा और संतों के लिए एक केंद्र है। बिलासपुर मुख्य नदी अरपा के तट पर स्थित है। लीलागर और मनियारी जिले की अन्य छोटी नदियां हैं। सोनमुडा एक और पर्यटक आकर्षण है, जो घाटियों, पहाड़ों और जंगल का एक मनोरम दृश्य देता है . सोन नदी सोनमुडा से उत्पन्न हुई है।
बिलासपुर का मौसम
बिलासपुर में महाद्वीपीय और मानसून की तरह का मौसम रहता है। वहीं गर्मियां गर्म होती हैं, वहीं सर्दियां हल्की होती हैं। वर्षा सीमित रहती है। इस तरह की जलवायु कृषि के लिए अनुकूल होती है। गेहूं, चावल, गन्ना और कपास उगने वाली कुछ फसलें हैं। औद्योगिक विकास भी ऐसे माहौल में उपयुक्त है।
बिलासपुर कैसे पहुंचें
बिलासपुर रेलवे, रोडवेज और हवाई मार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख स्टेशनों में से एक होने के नाते, बिलासपुर में रेलवे का एक अच्छा नेटवर्क है। स्थानीय स्तर पर ऑटो रिक्शा, रिक्शा, घोड़े वाले तांगे और सिटी बसें उपलब्ध हैं।
औद्योगिक क्षेत्र के अलावा, कई अन्य बातें हैं, जो बिलासपुर में हैं, उन्में से कुछ हैं आम, समोसे, कोसा सिल्क साड़ी, खुशबूदार दूबराज चावल। इस क्षेत्र की साड़ियां अच्छी और विविध रंगों की होती हैं। हाथ की बुनी हुई साड़ी बिलासपुर की रंगीन संस्कृति को दर्शाती है। बघेली और भरिआ यहां बोली जाने वाली मुख्य भाषाएं हैं। रावत नाच महोत्सव रावत जनजातियों द्वारा मनाया जाने वाला बिलासपुर का लोक नृत्य उत्सव है।
शहर का नाम बिलासपुर सत्रहवीं सदी में मछली पकड़ने वाली महिला बिलासा से उत्पन्न हुआ है। यह जगह कभी कुछ मछुआरों का अड्डा थी। यहां लातेर मराठा शासन करते थे, उनका शासन ईस्ट इंडिया कंपनी के आने के साथ खत्म हो गया।
बिलासपुर में और आसपास के पर्यटक स्थल
बिलासपुर में विभिन्न पुरातात्विक स्थल और मंदिर दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अचानकमार वन्यजीव अभयारण्य छत्तीसगढ़ में प्रसिद्ध पारिस्थितिकी पर्यटन स्थलों में से एक है। हसदेव बांगो बांध बिलासपुर से 105 किमी पर है। मल्हार और रतनपुर पुरातत्व के केंद्र रहे हैं। प्राचीन मंदिरों से लेकर किलों के अवशेष यहां पाए जाते हैं।
तालाग्राम "देवरानी -जेठानी" मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। बुलबुला द्वीप और राधिका पानी पार्क वे पार्क हैं, जो स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटकों का भी मन बहलाते हैं। बेलपान में एक विशाल तालाब के साथ ही एक समाधि है। खूटाघाट एक दर्शनीय स्थल है और प्रकृति प्रेमियों का चहेता।
खूटाघाट के आसपास वन, बांध और पहाड़ियां हैं। कबीर चबूतरा बिलासपुर से 41 किमी दूर महात्मा और संतों के लिए एक केंद्र है। बिलासपुर मुख्य नदी अरपा के तट पर स्थित है। लीलागर और मनियारी जिले की अन्य छोटी नदियां हैं। सोनमुडा एक और पर्यटक आकर्षण है, जो घाटियों, पहाड़ों और जंगल का एक मनोरम दृश्य देता है . सोन नदी सोनमुडा से उत्पन्न हुई है।
बिलासपुर का मौसम
बिलासपुर में महाद्वीपीय और मानसून की तरह का मौसम रहता है। वहीं गर्मियां गर्म होती हैं, वहीं सर्दियां हल्की होती हैं। वर्षा सीमित रहती है। इस तरह की जलवायु कृषि के लिए अनुकूल होती है। गेहूं, चावल, गन्ना और कपास उगने वाली कुछ फसलें हैं। औद्योगिक विकास भी ऐसे माहौल में उपयुक्त है।
बिलासपुर कैसे पहुंचें
बिलासपुर रेलवे, रोडवेज और हवाई मार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के प्रमुख स्टेशनों में से एक होने के नाते, बिलासपुर में रेलवे का एक अच्छा नेटवर्क है। स्थानीय स्तर पर ऑटो रिक्शा, रिक्शा, घोड़े वाले तांगे और सिटी बसें उपलब्ध हैं।
District | Creation Date | District Govt website |
Bilaspur | 1861 | http://bilaspur.gov.in/ |
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