Wednesday, April 13, 2016

दुनिया में इकलौता अनोखा मंदिर जहां बजरंग बली की होती है स्त्री रुप में पूजा गिरजाबंध हनुमान मंदिर ,रतनपुर

एक ऐसा अनोखा मंदिर जहां बजरंग बली की होती है स्त्री रुप में पूजा गिरजाबंध हनुमान मंदिर ,रतनपुर

पवन पुत्र, राम भक्त हनुमान को युगों से लोग पूजते आ रहे हैं. उन्हें बाल ब्रह्मचारी भी कहा जाता है जिस कारण स्त्रियों को उनकी किसी भी मूर्ति को छूने से मना किया गया है। वे देवता रूप में विभिन्न मंदिरों में पूजे जाते हैं लेकिन एक ऐसा मंदिर भी है जहां पर हनुमान को पुरुष नहीं बल्कि स्त्री के रूप में पूजा जाता है।

दुनिया में इकलौता अनोखा मंदिर
गिरजाबंध हनुमान मंदिर ,रतनपुर में एक अति प्राचीन मंदिर है, जहाँ हनुमान कि स्त्री रूप में पूजा होती है।आपको सुनकर आश्चर्य लगेगा, लेकिन दुनिया में एक मंदिर ऐसा भी है जहां हनुमान पुरुष नहीं बल्कि स्त्री के वेश में नजर आते हैं। यह प्राचीन मंदिर बिलासपुर के पास है। हनुमानजी के स्त्री वेश में आने की यह कथा कोई सौ दौ सौ नहीं बल्कि दस हजार साल पुरानी मानी जाती है।
हर मुराद होती है पूरी
यह देवस्थान पूरे भारत में सबसे अलग है। इसकी मुख्य वजह मां महामाया देवी और गिरजाबंध में स्थित हनुमानजी का मंदिर है। खास बात यह है कि विश्व में हनुमान जी का यह अकेला ऐसा मंदिर है जहां हनुमान नारी स्वरूप में हैं। इस दरबार से कोई निराश नहीं लौटता। भक्तों की मनोकामना अवश्य पूरी होती है।

बहुत प्राचीन है मंदिर का इतिहास
रतनपुर के राजा पृथ्वी देवजू ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था । पौराणिक और एतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण इस देवस्थान के बारे में ऐसी मान्यता है कि यह लगभग दस हजार वर्ष पुराना है।

राजा को सपने में दिया मंदिर निर्माण का आदेश
रतनपुर के राजा पृथ्वी देवजू ने सपने में देखा कि संकटमोचन हनुमान जी उनके सामने हैं, भेष देवी सा है, पर देवी है नहीं, लंगूर हैं पर पूंछ नहीं जिनके एक हाथ में लड्डू से भरी थाली है तो दूसरे हाथ में राम मुद्रा अंकित है। कानों में भव्य कुंडल हैं। माथे पर सुंदर मुकुट माला। अष्ट सिंगार से युक्त हनुमान जी की दिव्य मंगलमयी मूर्ति ने राजा से एक बात कही।
हनुमानजी ने राजा से कहा कि हे राजन मैं तेरी भक्ति से प्रसन्न हूं। तुम्हारा कष्ट अवश्य दूर होगा। तू मंदिर का निर्माण करवा कर उसमें मुझे बैठा। मंदिर के पीछे तालाब खुदवाकर उसमें स्नान कर और मेरी विधिवत् पूजा कर। इससे तुम्हारे शरीर में हुए कोढ़ का नाश हो जाएगा। एक रात स्वप्न में फिर हनुमान जी आए और कहा मां महामाया के कुण्ड में मेरी मूर्ति रखी हुई है। तू कुण्ड से उसी मूर्ति को यहां लाकर मंदिर में स्थापित करवा। तब राजा को मूर्ति को तालाब से निकालकर स्थापना करवाई।

अदभुत चमत्कारिक प्रतिमा है बजरंग बली की
इसका मुख दक्षिण की ओर है और साथ ही मूर्ति में पाताल लोक़ का चित्रण भी है।मूर्ति में हनुमान को रावण के पुत्र अहिरावण का संहार करते हुए दर्शाया गया है।यहां हनुमान के बाएं पैर के नीचे अहिरावण और दाएं पैर के नीचे कसाई दबा हुआ है। हनुमान के कंधों पर भगवान राम और लक्ष्मण की झलक है उनके एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में लड्डू से भरी थाली है।

No comments:

Post a Comment