चैत्र नवरात्रि की शुरूआत शुक्रवार को हुई है। इसि के साथ आस्था का एक नया अध्याय भी शुरू हुआ है। उर्जाधानी में आस्था का केन्द्रबिन्दु सर्वमंगला मंदिर को माना जाता है। मंदिर के बारे में एक ऐसी खास बात है। जिससे ढ़ेरो लोग अब भी अनभिज्ञ हैं।
सर्वमंगला मंदिर का इतिहास वैसे तो 118 साल पुराना है। जिसकी स्थापना सन् 1898 के आस पास मानी जाती है। लेकिन इससे भी सालों पुरानी यहां एक और चीज है।
वो है सूर्य देव के मनमोहक प्रतिमा के समीप स्थित वट वृक्ष, मंदिर के पुजारी अनिल पाण्डेय की मानें तो यह वट वृक्ष लगभग 500 वर्ष पुराना है। जैसा कि उनके पूर्वजों ने उन्हें बताया है।
इस वृक्ष की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे मानोकामना पूरा करने वाला वृक्ष माना जाता है। पूर्व में इस वृक्ष के नीचे हाथी भी आकर विश्राम किया करते थे। इसके बाद पिछले कुछ वर्षों तक विशाल वट वृक्ष के झूले जैसे तनों पर मयूर भी आकर विश्राम व क्रीडा करते थे।
ऐसी मान्यता है कि इस वृक्ष की टहनियों में रक्षा सूत्र बांधकर मन्नत मांगने पर मनोकामना पूरी हो जाती है। यह मान्यता पिछले कई वर्षों से चली आ रही है। इस 500 साल पुराने वट वृक्ष की टहनियों से लेकर तने तक रक्षा सूत्र से बंधे हुए हैं। खासतौर से महिलाएं यहां बड़ी तादात में रक्षा सूत्र बांधकर मन्नता मांगती है। इस वर्ष मंदिर में 900 मनोकामना दीप कलश भी जागमगाएंगे।
सर्वमंगला मंदिर का इतिहास वैसे तो 118 साल पुराना है। जिसकी स्थापना सन् 1898 के आस पास मानी जाती है। लेकिन इससे भी सालों पुरानी यहां एक और चीज है।
वो है सूर्य देव के मनमोहक प्रतिमा के समीप स्थित वट वृक्ष, मंदिर के पुजारी अनिल पाण्डेय की मानें तो यह वट वृक्ष लगभग 500 वर्ष पुराना है। जैसा कि उनके पूर्वजों ने उन्हें बताया है।
इस वृक्ष की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे मानोकामना पूरा करने वाला वृक्ष माना जाता है। पूर्व में इस वृक्ष के नीचे हाथी भी आकर विश्राम किया करते थे। इसके बाद पिछले कुछ वर्षों तक विशाल वट वृक्ष के झूले जैसे तनों पर मयूर भी आकर विश्राम व क्रीडा करते थे।
ऐसी मान्यता है कि इस वृक्ष की टहनियों में रक्षा सूत्र बांधकर मन्नत मांगने पर मनोकामना पूरी हो जाती है। यह मान्यता पिछले कई वर्षों से चली आ रही है। इस 500 साल पुराने वट वृक्ष की टहनियों से लेकर तने तक रक्षा सूत्र से बंधे हुए हैं। खासतौर से महिलाएं यहां बड़ी तादात में रक्षा सूत्र बांधकर मन्नता मांगती है। इस वर्ष मंदिर में 900 मनोकामना दीप कलश भी जागमगाएंगे।
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