छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से तकरीबन 418 किमी दूर बलरामपुर डिस्ट्रिक्ट के तातापानी में धरती अपने आप गर्म पानी उगलती है।
- यह पानी इतना गरम होता है कि इसमें अंडे तक उबल जाते हैं और पोटली में बांधकर डाला गया चावल भी पक जाता है। लापरवाही बरतने पर हाथ जलने का खतरा बना रहता है।
- यह जगह टूरिस्ट प्लेस के तौर पर धीरे-धीरे मशहूर हो रही है। गवर्मेेट यहां पावर प्लांट लगाने का प्लान कर रही है।
- ताता का मतलब होता है गर्म। इसलिए इस गांव का नाम तातापानी रखा गया। पानी इतना गर्म है कि उससे धुआं (भाप ) निकलता रहता है।
- यहां पर पानी से अंडा उबाले हुए पानी जैसी गंध आती है।
- लोगों के मुताबिक इस पानी को ठंडा कर नहाने से स्किन डिसीसेज ठीक हो जाते हैं। दूर-दराज से लोग इसके लिए यहां नहाने पहुंचते हैं।
- यहां पांच साल पहले एक बोरवेल करवाया गया था। 320 फीट ही बोर हो पाया था कि प्रेशर के साथ गर्म पानी निकलना शुरू हुआ। जिसके बाद बोर करना बीच में ही बंद करना पड़ा।
- यहां जगह-जगह निकल रहे पानी को ठंडा करने के लिए कुंड बनवाए गए हैं। पानी के ठंडे होने के बाद लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद पानी नदी में बह जाता है।
Source: Dainik Bhaskar
- यह पानी इतना गरम होता है कि इसमें अंडे तक उबल जाते हैं और पोटली में बांधकर डाला गया चावल भी पक जाता है। लापरवाही बरतने पर हाथ जलने का खतरा बना रहता है।
- यह जगह टूरिस्ट प्लेस के तौर पर धीरे-धीरे मशहूर हो रही है। गवर्मेेट यहां पावर प्लांट लगाने का प्लान कर रही है।
- ताता का मतलब होता है गर्म। इसलिए इस गांव का नाम तातापानी रखा गया। पानी इतना गर्म है कि उससे धुआं (भाप ) निकलता रहता है।
- यहां पर पानी से अंडा उबाले हुए पानी जैसी गंध आती है।
- लोगों के मुताबिक इस पानी को ठंडा कर नहाने से स्किन डिसीसेज ठीक हो जाते हैं। दूर-दराज से लोग इसके लिए यहां नहाने पहुंचते हैं।
- यहां पांच साल पहले एक बोरवेल करवाया गया था। 320 फीट ही बोर हो पाया था कि प्रेशर के साथ गर्म पानी निकलना शुरू हुआ। जिसके बाद बोर करना बीच में ही बंद करना पड़ा।
- यहां जगह-जगह निकल रहे पानी को ठंडा करने के लिए कुंड बनवाए गए हैं। पानी के ठंडे होने के बाद लोग इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद पानी नदी में बह जाता है।
Source: Dainik Bhaskar
No comments:
Post a Comment