कोरबा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर कोरबा ब्लाॅक के ग्राम सतरेंगा के ग्रामीण वृक्षों को देवता मानते हैं। 1400 साल पुराना यह साल वृक्ष आज भी हरा-भरा है। ग्रामीण विवाह के साथ कोई भी शुभ कार्य करने के पहले वृक्ष की पूजा करते हैं। वन विभाग ने वृक्ष को संरक्षित घोषित करते हुए चबूतरा बनाया है। तने की चौड़ाई 28 फीट 2 इंच व ऊंचाई 28 मीटर है।
जरूरत पड़ने पर काटते हैं पेड़
- गांव में 15 वर्षों से सरपंच धनसिंह कंवर का कहना है कि हरे भरे वृक्षों को काटने पर प्रतिबंध है।
- जरूरत पड़ने पर ग्रामीण सूखे पेड़ को काटते हैं। पर्यावरण साफ रखने के लिए पेड़ पौधों का होना जरुरी है। जिससे हमें कई तरह के फायदे भी मिलते हैं।
- वनोपज से परिवार समृद्ध होता है। साल वृक्ष की पूजा कई पीढ़ियों से होती आ रही है।
- अच्छी बारिश व फसल के लिए ग्रामीण धान चढ़ाकर पूजा करते हैं। साथ ही यहां के पानी को घर घर बांटा जाता है।
दो हजार साल तक जिंदा रहते हैं साल के वृक्ष
रिटायर्ड रेंजर एमके जायसवाल के मुताबिक साल वृक्ष की अधिकतम आयु दो हजार साल तक है। लेकिन कई तरह की बीमारियां होने से अधिकांश पेड़ 500 साल के भीतर ही नष्ट हो जाते हैं। सतरेंगा का साल वृक्ष अनूठा है जिसकी उम्र 1400 साल आंकी गई है। मातमार में भी 1000 साल पुराना साल वृक्ष है।’’
Source: Dainik Bhaskar
जरूरत पड़ने पर काटते हैं पेड़
- गांव में 15 वर्षों से सरपंच धनसिंह कंवर का कहना है कि हरे भरे वृक्षों को काटने पर प्रतिबंध है।
- जरूरत पड़ने पर ग्रामीण सूखे पेड़ को काटते हैं। पर्यावरण साफ रखने के लिए पेड़ पौधों का होना जरुरी है। जिससे हमें कई तरह के फायदे भी मिलते हैं।
- वनोपज से परिवार समृद्ध होता है। साल वृक्ष की पूजा कई पीढ़ियों से होती आ रही है।
- अच्छी बारिश व फसल के लिए ग्रामीण धान चढ़ाकर पूजा करते हैं। साथ ही यहां के पानी को घर घर बांटा जाता है।
दो हजार साल तक जिंदा रहते हैं साल के वृक्ष
रिटायर्ड रेंजर एमके जायसवाल के मुताबिक साल वृक्ष की अधिकतम आयु दो हजार साल तक है। लेकिन कई तरह की बीमारियां होने से अधिकांश पेड़ 500 साल के भीतर ही नष्ट हो जाते हैं। सतरेंगा का साल वृक्ष अनूठा है जिसकी उम्र 1400 साल आंकी गई है। मातमार में भी 1000 साल पुराना साल वृक्ष है।’’
Source: Dainik Bhaskar
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