रायगढ़ को छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है |
रायगढ़ जिला उत्तर में जशपुर जिला, दक्षिण में महासमुन्द जिला तथा उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पूर्व तक उडिसा राज्य की सरहद से 6527.44 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला रायगढ़ जिला उत्तरी क्षेत्र जहां बिहड़, जंगल, पहाडियो से आच्छादित है। वही इसका दक्षिण हिस्सा ठेठ मैदानी है। जिले की बहुसंख्यक आबादी गांवो में निवास करते है। विरहोर इस जिले के विशिष्ट जनजाति है, जो धरमजयगढ़ क्षेत्र में निवास करते है। गोंड, कंवर, उरांव अन्य प्रमुख जनजातियों की सूची में शामिल है। रायगढ़ जिले में ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यहां सिंघनपुर, ओगना, करमागढ़ की पहाड़ियों तथा रायगढ़ के समीप कबरा पहाड़ प्रागैतिहासिक युग के मनुष्यों द्वारा निर्मित शैलचित्र पाये गये है। पुजारीपाली नामक गांव जो बरमकेला विकासखण्ड में है, पुरातातिवक दृष्टि से काफी प्रसिद्ध है। रायगढ़ से 18 किलोमीटर की दूरी पर सिंघनपुर पहाड़ी के पास रामझरना नामक मनोरम स्थान है। जिले के मध्य से नीचे भाग में पश्चिम से पूर्व की ओर महानदी का बहाव है। जो हीराकुंड डेम के 2 डूबान ग्राम भरतपुर एवं रेबो बरमकेला तहसील में आते है। बरमकेला तहसील के उत्तर भाग में महानदी का प्रवाह है। जिले के उत्तर-पश्चिम अंबिकापुर, मध्य - पश्चिम कोरबा जिला एवं दक्षिण - पश्चिम जांजगीर-चांपा जिला के सीमा से लगा हुआ है ।
राम झरना
जिले से 18 KM दूरी पर प्राकृतिक जल स्त्रोत है । इतिहास के अनुसार वनवास के समय भगवान श्री राम यहाँ पर पानी पिए थे इसलिए इस जगह का नाम राम झरना पड़ा । यह बहुत ही अच्छी जगह है पिकनिक मानाने के लिए ।
गोमर्डा अभयारण्य
ये सारंगढ़ के अंतर्गत आता है और यह रायगढ़ से लगभग ६० कम की दुरी पर स्थित है ।येह लगभग २७८ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है ये एक प्राकृतिक आवास के रूप में जंगली जानवर का आवास है ।
मंदिर
गौरीशंकर मंदिर , शयाम मन्दिर , पहाड़ मंदिर ,बंजारी मंदिर (20 Km. )
चंद्रहासिनी मंदिर 30 Km. (चन्द्रपुर , जिला. जांजगीर -चाम्पा)
चक्रधर समारोह
प्रतिवर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य,नाटक आदि के द्वारा यह समारोह मनाया जाता है । यह समारोह राजा चक्रधर सिंह के याद में मनाया जाता है |
कैसे पहुंचे
रायगढ़ रेलमार्ग और बस मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है
रायगढ़ जिला उत्तर में जशपुर जिला, दक्षिण में महासमुन्द जिला तथा उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पूर्व तक उडिसा राज्य की सरहद से 6527.44 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला रायगढ़ जिला उत्तरी क्षेत्र जहां बिहड़, जंगल, पहाडियो से आच्छादित है। वही इसका दक्षिण हिस्सा ठेठ मैदानी है। जिले की बहुसंख्यक आबादी गांवो में निवास करते है। विरहोर इस जिले के विशिष्ट जनजाति है, जो धरमजयगढ़ क्षेत्र में निवास करते है। गोंड, कंवर, उरांव अन्य प्रमुख जनजातियों की सूची में शामिल है। रायगढ़ जिले में ऐतिहासिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यहां सिंघनपुर, ओगना, करमागढ़ की पहाड़ियों तथा रायगढ़ के समीप कबरा पहाड़ प्रागैतिहासिक युग के मनुष्यों द्वारा निर्मित शैलचित्र पाये गये है। पुजारीपाली नामक गांव जो बरमकेला विकासखण्ड में है, पुरातातिवक दृष्टि से काफी प्रसिद्ध है। रायगढ़ से 18 किलोमीटर की दूरी पर सिंघनपुर पहाड़ी के पास रामझरना नामक मनोरम स्थान है। जिले के मध्य से नीचे भाग में पश्चिम से पूर्व की ओर महानदी का बहाव है। जो हीराकुंड डेम के 2 डूबान ग्राम भरतपुर एवं रेबो बरमकेला तहसील में आते है। बरमकेला तहसील के उत्तर भाग में महानदी का प्रवाह है। जिले के उत्तर-पश्चिम अंबिकापुर, मध्य - पश्चिम कोरबा जिला एवं दक्षिण - पश्चिम जांजगीर-चांपा जिला के सीमा से लगा हुआ है ।
राम झरना
जिले से 18 KM दूरी पर प्राकृतिक जल स्त्रोत है । इतिहास के अनुसार वनवास के समय भगवान श्री राम यहाँ पर पानी पिए थे इसलिए इस जगह का नाम राम झरना पड़ा । यह बहुत ही अच्छी जगह है पिकनिक मानाने के लिए ।
गोमर्डा अभयारण्य
ये सारंगढ़ के अंतर्गत आता है और यह रायगढ़ से लगभग ६० कम की दुरी पर स्थित है ।येह लगभग २७८ वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है ये एक प्राकृतिक आवास के रूप में जंगली जानवर का आवास है ।
मंदिर
गौरीशंकर मंदिर , शयाम मन्दिर , पहाड़ मंदिर ,बंजारी मंदिर (20 Km. )
चंद्रहासिनी मंदिर 30 Km. (चन्द्रपुर , जिला. जांजगीर -चाम्पा)
चक्रधर समारोह
प्रतिवर्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य,नाटक आदि के द्वारा यह समारोह मनाया जाता है । यह समारोह राजा चक्रधर सिंह के याद में मनाया जाता है |
कैसे पहुंचे
रायगढ़ रेलमार्ग और बस मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है
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